Agriculture Ministry will review all existing schemes in the fisheries sector to ensure that these meet the requirements of fishermen and fish farmers and seek to address their concerns.
This was announced by Agriculture Minister, Shri Radha Mohan Singh, here today while meeting a delegation of fishermen representatives from different states of the country. The Fishermen representatives presented a copy of National Policy on Fishing and Fishermen documented by the Bharatiya Janata Party.
During the discussion, the Minister was apprised of the problems being faced by fishermen who are jailed and whose boats are confiscated by the authorities of neighbouring nations. It was told that the existing schemes meant to help such fishermen need to be fully implemented.
Similarly, many fishermen are not able to avail of the benefits of schemes during the fishing ban period. The fishermen also requested that the diesel subsidy may be revived for the fishing boats. Coastal fishermen representatives mentioned that the destructive fishing methods and gear should be controlled and utilization of solar technology for the boats may also be looked into.
Shri Radha Mohan Singh directed the concerned officials to discuss in detail all issues pertaining to fishermen with their representatives and find short and long term solutions to these issues.
कृषि मंत्रालय मछलीपालन के क्षेत्र में सभी मौजूदा योजनाओं की समीक्षा करेगा, ताकि मछुआरों और मछलीपालन करने वालों की जरूरतों को पूरा किया जा सके और उनकी समस्याओं का निदान हो सके। कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज यहां देश के विभिन्न राज्यों से आए मछुआरों के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान यह घोषणा की। मछुआरों के प्रतिनिधियों ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा तैयार किए गए ‘मछलीपालन और मछुआरे पर राष्ट्रीय नीति’ की एक प्रति उन्हें भेंट की।
विचार-विमर्श के दौरान उन मछुआरों की समस्याओं से मंत्री महोदय को अवगत कराया गया, जिन्हें पड़ोसी देशों के अधिकारियों द्वारा जेल में डाल दिया गया और उनकी नावों को जब्त कर लिया गया। इस दौरान यह बताया गया कि ऐसे मछुआरों की मदद के लिए मौजूदा योजनाओं को पूर्णरूप से कार्यान्वित करने की जरूरत है।
इसी प्रकार बहुत से मछुआरे मछलीपालन प्रतिबंध अवधि के दौरान योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में समर्थ नहीं हैं। मछुआरों ने अनुरोध करते हुए कहा कि मछली पकड़ने वाली नावों के लिए डीज़ल सब्सिडी को फिर से लागू किया जाए। समुद्रतटीय मछुआरे के प्रतिनिधियों ने कहा कि मछली पकड़ने की नुकसानदायक प्रक्रिया और गियर को नियंत्रित किया जाना चाहिए तथा नावों के लिए सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी की ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
कृषि मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मछुआरों से संबंधित सभी मुद्दों पर उनके प्रतिनिधियों के साथ विस्तारपूर्वक बातचीत करें और इन समस्याओं के लघुकालिक और दीर्घकालिक समाधान निकालें।